श्रम विभाग, उत्तराखंड शासन
उत्तराखण्ड की प्रबुद्ध जनता, बुद्धिजीवियों, समाज सेवियों, सरकारी, गैर सरकारी, अर्द्ध सरकारी संगठनों, संस्थाओं तथा नियोजकों एवं बाल श्रमिक के अभिभावकों से अपील की जाती है, कि सवैधानिक प्रतिबद्धताओं की पूर्ति हेतु प्रदेश सरकार व भारत सरकार ‘‘बाल श्रम उन्मूलन’’ के प्रति संजग एवं कृत संकल्प है। प्रदेश से इस सामाजिक बुराई को समूल समाप्त करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा बाल श्रम (प्रतिशेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के प्राविधानों (धाराओं) में संशोधन किये है, जिसके प्रभाव निम्नवत् हैः-
अतः राज्य की समस्त प्रबुद्ध जनता, नियोजकों एवं बाल श्रमिक के अभिभावकों से अपील की जाती है कि किसी भी बालक/बालिकाओं का वाणिज्य अधिष्ठानों, प्रतिष्टानों, प्रक्रियाओं, व्यवसायों, नियोजनों तथा घरों में बाल श्रमिक का नियोजन कदापि न करें यदि बाल श्रमिक नियोजित पाया जाता है, तो अपराध के रूप में संज्ञान लेते हुए बाल श्रमिक के माता/पिता/अभिभावक तथा नियोजक के विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी।